
एशियन गेम्स 2023 ‘इस बार 100 के पार’,
‘इस बार 100 के पार’, चीन में आयोजित होने वाले एशियाई खेलों के लिए भारतीय खिलाड़ी कितने तैयार हैं और पदक तालिका में हम किस स्थान पर रहेंगे, इस बारे में बताने के लिए शायद ही कोई तैयार हो l हां, पदकों की संख्या हर कोई सौ के पार बता रहा है। भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकारी, पूर्व खिलाड़ी और प्रायोजक कह रहे हैं कि हम सौ के पार जाने वाले हैं। लेकिन किन खेलों में कौन कौन खिलाड़ी पदक जीत सकते हैं, ऐसा दावा शायद कोई करना नहीं चाहता।
यह
बात अलग है कि पदक तालिका में पांचवें सातवें स्थान पर अटक जाते हैं। चीन, जापान,
कोरिया और कुछ अन्य देश भारत की पदक उम्मीदों पर पानी फेरते आए हैं।
चलिए मान लिया कि भारत सौ पदक जीत सकता है लेकिन गोल्ड कितने हो सकते हैं इस बारे
में कोई भी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। पिछले प्रदर्शनों पर नजर डालें तो
एथलेटिक,वेटलिफ्टिंग निशानेबाजी, कुश्ती,
मुक्केबाजी, हॉकी, कबड्डी,
बैडमिंटन, तीरंदाजी आदि खेलों में पदक
मिलेंगे। लेकिन क्या भारतीय दल सौ का आंकड़ा छू पाएगा? जहां
तक एशियाड में भारत के प्रदर्शन की बात है तो शुरुआती आयोजन में 1951 में हमने 51 पदकों के साथ दूसरा स्थान अर्जित किया
था तब चीन ने भाग नहीं लिया था।
1982
में एक बार फिर अपनी मेजबानी में 59 पदक जीते
लेकिन पांचवें नंबर पर रहे। 2018 के पिछले खेलों में सबसे
ज्यादा 70 पदक जीते लेकिन पदक तालिका में आठवें स्थान पर पहुँच
गए । अब चूंकि हमारा लक्ष्य पदकों का शतक है इसलिए भारतीय खिलाड़ियों को अब तक का
श्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। यह ना भूलें कि अब तक आयोजित 18 खेलों में भारत ने कुल 672 पदक जीते हैं। देखना यह
होगा कि नंबर एक के दावेदार और मेजबान चीन के घर पर कितने पदक जीतने में सफल होते
हैं। जापान और कोरिया भी पीछे नहीं रहने वाले।
18वें एशियाई खेलों में भारत के खिलाड़ियों ने जोरदार प्रदर्शन
के जरिये बड़ी उपलब्धि हासिल करी थी । जकार्ता-पालेमबांग एशियन गेम्स में भारत ने अब
तक 69 पदक जीतकर एशियाड में सर्वाधिक मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया
हैं । यह पहला मौका है, जब भारत ने एशियाई खेलों में इतने
पदक जीते थे ।
2010 ग्वांग्झू
एशियाई खेलों में भारत ने कुल 65 पदक जीते थे. जिसमें 14
गोल्ड, 17 सिल्वर, 34 ब्रॉन्ज
शामिल थे, जो इससे पहले तक एशियाई खेलों में भारत का बेहतरीन
प्रदर्शन था ।
भारत हांगझोउ में आगामी एशियाई खेलों में 655 खिलाड़ियों
का अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजेगा और देश की निगाहें 39 स्पर्धाओं
में शीर्ष स्थान हासिल करने पर लगी होंगी जिसमें व्यक्तिगत और टीम स्पर्धायें
शामिल हैं। ‘अब की बार, सौ पार’ (इस बार 100 पदक पार करना) ‘कैचलाइन’ रही है जिससे प्रशंसकों और खेल प्रतिष्ठानों की
काफी उम्मीदें लगी होंगी।
जकार्ता
और पालेमबांग में पिछले चरण में देश ने 70 पदक जीते थे जिससे देश की निगाहें इस
आंकड़े को पार करने पर लगी हैं । 23 सितंबर 2023 से
शुरु होने वाले एशियाड में भारत के यह वे खिलाड़ियों है जिनसे पदको की आशा है।
एथलेटिक्स :-
पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा:
नीरज चोपड़ा :
ओलंपिक और विश्व चैम्पियन नीरज (25 वर्ष)
एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक के लिए सर्वश्रेष्ठ दावेदार हैं। महान एथलीट का दर्जा
हासिल करने के बाद नीरज के लिए 2018 में जीते गए स्वर्ण पदक
का बचाव करना आसान हो सकता है। पाकिस्तान के विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता
अरशद नदीम हांगझोउ में उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंगे जिन्होंने 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था।
किशोर जेना :
पुरुषों की गोला फेंक स्पर्धा:
तेजिंदरपाल सिंह तूर:
वह 2018 में जीते स्वर्ण पदक का बचाव करने के
प्रबल दावेदार हैं। व्यक्तिगत स्पर्धाओं में यह 28 वर्षीय
एकमात्र भारतीय एशियाई रिकॉर्ड धारी है। पिछले कुछ समय में लगातार चोटिल होना उनकी
मुख्य समस्या है। पंजाब के इस एथलीट ने जून में राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप
में 21.77 मीटर की दूरी से स्वर्ण पदक जीतकर अपना ही एशियाई
रिकॉर्ड सुधारा था।
पुरुषों की लंबी कूद स्पर्धा:
मुरली श्रीशंकर :Baca Juga
जेस्विन एल्ड्रिन :
विश्व चैम्पियनशिप से पहले वह सत्र की शुरुआत में 8.41 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ सत्र में शीर्ष पर चल रहे थे। लेकिन
पूरे सत्र में उनका प्रदर्शन अनिरंतर रहा और फिटनेस की समस्या भी उन्हें परेशान
करती रही जिसके कारण उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप से नाम वापस ले लिया। वह एशियाई
खिलाड़ियों में अब भी सत्र के शीर्ष और विश्व में तीसरे स्थान पर काबिज हैं।
पुरुषों की त्रिकूद स्पर्धा:
प्रवीण चित्रावेल :
यह 22 वर्षीय एथलीट अपने 17.37 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड से एशिया में सत्र में शीर्ष पर और दुनिया में
छठे नंबर पर हैं जिससे वह पदक के दावेदार हैं। लेकिन वह पिछली तीन प्रतियोगिताओं
में 17 मीटर की कूद तक नहीं पहुंच पाए हैं। अगस्त में हुई
विश्व चैंपियनशिप में वह क्वालिफिकेशन राउंड में 16.38 मीटर
की निराशाजनक छलांग के साथ फाइनल में जगह बनाने में असफल रहे थे।
पुरुषों की 1500 मीटर
स्पर्धा:
अजय कुमार सरोज :
वह मौजूदा एशियाई चैम्पियन और इस सत्र में महाद्वीप में दूसरा
सर्वश्रेष्ठ समय निकलाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने अगस्त में विश्व चैम्पिनशिप
में तीन मिनट 38.24 सेकंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय
निकाला था।
पुरुषों की 3000 मी
स्टीपलचेस स्पर्धा :
अविनाश साबले :
साबले केा पदक का पक्का दावेदार माना जा सकता है। 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता साबले के नाम आठ मिनट 11.20 सेकंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ समय 8:11.63
है जिससे वह एशिया में जापान के मिउरा रयुजी (सत्र का सर्वश्रेष्ठ
प्रदर्शन 8:09.91) के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
पुरुषों की 4×400 मी रिले स्पर्धा:
अगस्त
में विश्व चैम्पियनशिप के क्वालिफिकेशन राउंड में दो मिनट 59.05 सेकेंड
के समय से एशियाई रिकार्ड समय निकालने के बाद भारत पुरुषों की 4×400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक का दावेदार है। भारतीय चौकड़ी का यह समय इस सत्र
में विश्व का आठवां सर्वश्रेष्ठ समय है। हालांकि भारत जुलाई में एशियाई
चैम्पियनशिप में 3:01.80 के समय के साथ श्रीलंका के बाद
दूसरे स्थान पर रहा।
महिलाओं की 100 मीटर
बाधा दौड़ स्पर्धा:
ज्योति याराजी :
वह 100 मीटर बाधा दौड़ में देश की पहली एशियाई
चैम्पियन हैं जिससे वह भारतीय महिलाओं में पदक की पक्की दावेदार हैं। उन्होंने
जुलाई में 13.09 सेकंड के समय के साथ एशियाई चैम्पियनशिप का
स्वर्ण पदक जीता। वह राष्ट्रीय रिकॉर्ड (12.78 सेकेंड) से इस
सत्र में एशिया की दूसरे नंबर की एथलीट हैं। इस 24 साल की
एथलीट से ऊपर चीन के वू यान्नी हैं जिनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ समय 12.76 सेकेंड का है।
मिश्रित 4×400 मीटर रिले स्पर्धा :
एशियाई
खेल 2018
की स्वर्ण विजेता टीम की बदौलत भारत फिर खिताब का दावेदार है। टीम
ने जुलाई में एशियाई चैम्पियनशिप में तीन मिनट 14.70 सेकेंड
के समय के साथ जीत हासिल की जो इस सत्र में महाद्वीप का सर्वश्रेष्ठ समय है।
महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा:
शैली सिंह :
महिलाओं की 3000 मीटर
स्टीपलचेस स्पर्धा:
पारुल चौधरी :
सत्र के सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड समय 9:15.31 से वह एशिया में दूसरे नंबर पर हैं जिससे वह आसानी से पदक जीत सकती हैं।
उन्हें सबसे बड़ी चुनौती बहरीन की विन्फ्रेड मुटिले यावी से मिलेगी जो 8:54.29
के समय से स्वर्ण पदक की दावेदार हैं।
महिलाओं की 400 मीटर
बाधा दौड़ स्पर्धा:
विथ्या रामराज :
वह हाल के 55.43 सेकेंड के प्रयास के साथ इस
सत्र में एशिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी हैं। यह समय महान एथलीट पीटी ऊषा के
राष्ट्रीय रिकॉर्ड से एक सेकेंड का सौवां हिस्सा कम है। सत्र के सर्वश्रेष्ठ ‘टाइम
चार्ट’ में वह एशिया में दूसरे नंबर पर हैं और पदक की दावेदार हैं।
महिलाओं की 4×400 मीटर रिले स्पर्धा :
यह
मजबूत टीम नहीं है लेकिन भारत फिर भी इस स्पर्धा में पदक जीत सकता है। भारतीय टीम
एशिया में इस स्पर्धा में नंबर एक स्थान पर है। टीम ने जुलाई में श्रीलंका में एक
प्रतियोगिता में 3:30.41 सेकेंड का समय निकाला था।
हेप्टाथलॉन स्पर्धा :- स्वप्ना
बर्मन :
वह पदक की बड़ी दावेदार हैं ओर अपने खिताब का बचाव करेगी।
तीरंदाजी :- कम्पाउंड टीम स्पर्धा :
अगस्त
में विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदकों की हैट्रिक के बाद भारतीय कम्पाउंड
तीरंदाजी टीम आत्मविश्वास से भरी हुई है। मौजूदा विश्व चैम्पियन ओजस देवताले
(पुरुष) और अदिति स्वामी (महिला) की बदौलत भारत टीम और मिश्रित युगल स्पर्धाओं के
फाइनल में पहुंचने का प्रबल दावेदार होगा।
महिला कम्पाउंड टीम :
ज्योति सुरेखा वेन्नाम :
चार साल से ‘लिम्का बुक’ तैराकी रिकॉर्ड धारक और दुनिया की चौथे
नंबर की महिला कम्पाउंड तीरंदाज की मौजूदगी से भारत एशियाड में अपने पहले
व्यक्तिगत स्वर्ण पदक का सपना संजाये है। पिछले साल वापसी के बाद से यह 27 साल की खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने विश्व कप और विश्व
चैम्पियनशिप में छह स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते
हैं।
अदिति स्वामी :
महाराष्ट्र के शिक्षक की बेटी अदिति इस साल शानदार प्रदर्शन कर रही
हैं। पहली बार जुलाई में युवा (अंडर-18) विश्व खिताब जीतने
के एक महीने बाद इस 17 वर्षीय ने सीनियर स्तर पर भी सफलता
हासिल की।
पुरुषों की कम्पाउंड स्पर्धा:
अभिषेक वर्मा :
एशियाड में एक टीम स्वर्ण और दो रजत पदक जीतने वाला यह 34 वर्षीय तीरंदाज अपने अनुभव की बदौलत पुरुष कम्पाउंड वर्ग में दूसरा टीम
स्वर्ण जीतने की कोशिश करेगा। ओजस देवताले और प्रथमेश जावकर :
महाराष्ट्र के दो युवा कम्पाउंड तीरंदाज इस साल शानदार प्रदर्शन कर
रहे हैं। 21 वर्षीय देवताले बर्लिन में विश्व चैम्पियन बने। 20
वर्षीय जावकर शानदार फॉर्म में हैं जिन्होंने दुनिया के नंबर एक
माइक श्लोसेर को चार महीने में दो बार हराया है।
पुरुषों की रिकर्व स्पर्धा:
धीरज बोम्मदेवरा :
विश्व कप फाइनल में कोरिया के दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता
किम वू जिन को हराने वाले सेना के जवान धीरज ने रिकर्व में आशा की नयी किरण दी है।
वह विश्व कप में पदक से चूक गए। साल के शुरु में उन्होंने अंताल्या चरण में कांस्य
पदक जीतकर भारत के व्यक्तिगत विश्व कप पदक का सूखा खत्म किया।
मुक्केबाजी: महिला वर्ग :
निकहत जरीन :
तेलंगाना की मुक्केबाज भारत के लिए पदक की प्रबल दावेदार है। पिछले
दो वर्ष से निकहत का फ्लाईवेट (51 किग्रा) में शानदार सफर
जारी है। दो बार विश्व चैम्पियनशिप जीतने के बाद दो स्ट्रैंड्जा मेमोरियल खिताब और
फिर राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक जीता। वह एक और स्वर्ण पदक जीतने के लिए
बेताब होंगी। एशियाड ओलंपिक क्वालीफायर भी हैं तो वह पोडियम स्थान हासिल करने के
लिए उत्साहित होंगी।
लवलीना बोरगोहेन :
तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता अब भी 69 किग्रा
से बढ़ाये गये वजन की पेचीदगियां सीख कर रही हैं। नये 75 किग्रा
में एशियाई और विश्व चैम्पियनशिप जीतने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। असम की यह
मुक्केबाज एशियाड में अगर वह चीन की मुक्केबाजों को संभाल लेती हैं तो वह आसानी से
फाइनल में पहुंचकर पदक जीत सकती हैं।
मुक्केबाजी: पुरुष वर्ग:
दीपक भोरिया :
हिसार के 51 किग्रा में मुक्केबाजी करने वाले
दीपक खेल के कुछ महान खिलाड़ियों को हरा चुके हैं। उन्होंने मई में विश्व
चैम्पियनशिप में तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और पूर्व विश्व चैम्पियन साकेन
बिबोसिनोव को हराकर उलटफेर किया। वह पहले एशियाड में अपनी छाप छोड़ना चाहेंगे ।
कुश्ती: पुरुष वर्ग:
दीपक पुनिया:-
भारत का उभरता हुआ रतन जो हरियाणा के बहादुरगढ़
में स्थित छारा गांव का निवासी है ।
·
अपने
करियर में पहली बार वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप के दौरान गोल्ड और सिल्वर मेडल दीपक
पुनिया ने अपने नाम किया था।
·
2019 में
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान रजत पदक से नवाजे गए।
·
एशियाई चैंपियनशिप
के दौरान अपने प्रदर्शन के चलते दो रजत एवं कांस्य पदक उन्होंने अपने नाम किए हैं ।
·
वर्ल्ड
कैडेट चैंपियनशिप के दौरान भी बेहतरीन प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया
18वें एशियाई खेलों में भारत के कुल पदकों की संख्या
69 है. 15 गोल्ड, 24 सिल्वर और 30 ब्रॉन्ज मेडल के साथ वह पदक तालिका में
8वें स्थान पर है।
पदक तालिका
एशियन गेम्स में अब तक का भारत
का प्रदर्शन 1951 से 2018 तक भारत का प्रदर्शन
सत्र |
मेजबान देश |
|
|
|
कुल |
रैंक |
15 |
16 |
20 |
51 |
2 |
||
5 |
4 |
8 |
17 |
5 |
||
5 |
4 |
4 |
13 |
7 |
||
10 |
13 |
10 |
33 |
3 |
||
7 |
3 |
11 |
21 |
5 |
||
25 |
6 |
9 |
10 |
5 |
||
4 |
12 |
12 |
28 |
7 |
||
11 |
11 |
6 |
28 |
6 |
||
13 |
19 |
25 |
57 |
5 |
||
5 |
9 |
23 |
37 |
5 |
||
1 |
8 |
14 |
23 |
11 |
||
4 |
3 |
16 |
23 |
8 |
||
7 |
11 |
17 |
35 |
9 |
||
11 |
12 |
13 |
36 |
7 |
||
10 |
17 |
26 |
53 |
8 |
||
14 |
17 |
34 |
65 |
6 |
||
11 |
10 |
36 |
57 |
8 |
||
15 |
24 |
30 |
69 |
8 |
||
कुल |
154 |
202 |
315 |
671 |
समन्वयक :- सपना दत्ता
दूरभाष :- 9971999864
प्रायोजन के लिए /For sponsorship : khelkhiladi55@gmail.com
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