
ओलंपिक से समाचार
Paris Olympics IND vs NZ Hockey: हॉकी में भारत का जीत से आगाज, सांस रोक देने वाले मैच में न्यूजीलैंड को हराया
नई दिल्ली. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में जीत से शुरुआत की है. भारत ने पूल बी के अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से पराजित किया. 0-1 से पिछड़ने के बावजूद भारत ने शानदार तरीके से जीत दर्ज की. हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली भारतीय हॉकी टीम में 5 खिलाड़ी ऐसे हैं जो इस बार ओलंपिक में डेब्यू कर रहे हैं. कप्तान तीसरी बार ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस जीत से भारत को 3 अंंक मिले. भारतीय टीम अपने दूसरे मुकाबले में सोमवार को अर्जेंटीना से भिड़ेगी.
एक गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए भारतीय टीम ने बढत बना ली थी लेकिन आखिरी सीटी बजने से सात मिनट पहले न्यूजीलैंड टीम ने 2-2 से बराबरी कर ली. भारत को 57वें से 58वें मिनट के बीच तीन पेनल्टी कॉर्नर और 59वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला. जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदलकर युवेस डु मनोयेर स्टेडियम पर भारी तादाद में आए भारतीय समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ा दी.
भारतीय तीरंदाज मेडल से 2 जीत दूर, इस बार टूटेगा क्वार्टर फाइनल का दरवाजा? खत्म हो सकता है 36 साल के पदकों का सूखा
नई दिल्ली. भारतीय तीरंदाजों के पास ओलंपिक में पदक जीतने का सुनहरा मौका है. इंडियन आर्चर पेरिस ओलंपिक में पदक से 2 जीत दूर हैं. वे 36 साल के इंतजार को खत्म कर सकते हैं. रैंकिंग राउंड में अभी तक के अपने सबसे अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित भारतीय तीरंदाज रविवार को महिला फाइनल से शुरू होने वाले पदक राउंड में अपनी लय बरकरार रखकर मेडल जीतने की कोशिश करेंगे. भारतीय तीरंदाजी समुदाय धीरज बोम्मादेवरा (चौथी वरीयता प्राप्त) और अंकिता भकत (11वीं) के क्वालीफायर में शानदार प्रदर्शन के बाद लेस इनवैलिड्स एरिना से पदकों की उम्मीद कर सकता है.
लंदन ओलंपिक 2012 के बाद यह पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम में सभी छह खिलाड़ी शामिल हैं. भारत ने महिला और पुरुष दोनों वर्ग की टीम स्पर्धा में सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया तथा उन्हें पहले ओलंपिक पदक का सपना पूरा करने के लिए केवल दो जीत की दरकार है. भारत ने तीरंदाजी में 1988 में ओलंपिक में पदार्पण किया था लेकिन अभी तक उसके तीरंदाज क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रहे हैं.
Paris Olympic 2024: एक जैसे अंक, फिर भी फाइनल में जगह बनाने से चूक गए सरबजोत सिंह, मेडल की टूटी उम्मीद, जानिए क्यों हुआ ऐसा
Sarabjot Singh, 10M Air Pistol Final: सरबजोत क्वालिफिकेशन में 577 के कुल स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहे जबकि अर्जुन 574 के स्कोर के साथ 18वें स्थान पर रहे. आठवें स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाने वाले जर्मनी के रॉबिन वाल्टर का स्कोर भी 577 था लेकिन उन्होंने सरबजोत के 16 के मुकाबले 17 सटीक निशाने लगाए थे.
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एयर राइफल मिश्रित टीमें की ओलंपिक खेलों में शनिवार को निराशाजनक शुरुआत के बाद सरबजोत सिंह और अर्जुन सिंह चीमा ने टुकड़ो में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में जगह नहीं बना सके. सरबजोत क्वालिफिकेशन में 577 के कुल स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहे जबकि अर्जुन 574 के स्कोर के साथ 18वें स्थान पर रहे. आठवें स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाने वाले जर्मनी के रॉबिन वाल्टर का स्कोर भी 577 था लेकिन उन्होंने सरबजोत के 16 के मुकाबले 17 सटीक निशाने लगाए थे. ऐसे में सरबजोत क्वालीफाई करने से चूक गए.
वहीं अपने प्रदर्शन के बाद सरबजोत ने स्पोर्ट्स 18 से बात करते हुए कहा,"आज काफी अच्छा किया अपनी तरफ से, लेकिन आज बुरा दिन था.समझ ही नहीं आया कि हुआ कैसे ये सारा कुछ. अपनी तरफ से अच्छा किया सब कुछ लेकिन नहीं हुआ.लेकिन ठीक है पहला ओलंपिक था, अनुभव अच्छा रहा. काफी चीजें सीखने को मिली." सरबजोत ने आगे कहा,"थोड़ी अभी भी टेकनिक में कमी है. काफी चीजें फेल हो रही हैं, अभी भी. बाकी भारत जाकर ठीक करूंगा वो."
सरबजोत चौथी सीरीज में परफेक्ट 100 का स्कोर करने के बाद शीर्ष तीन में पहुंच गये थे, लेकिन 22 साल का यह निशानेबाज लय बरकरार रखने में नाकाम रहा और मामूली अंतर से फाइनल में जगह बनाने से चूक गये. चीमा भी एक समय चौथे स्थान पर पहुंच गए थे लेकिन वह भी इस लय का बरकरार नहीं रख सके.
चीमा और सरबजोत दोनों उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने पिछले साल हांगझोऊ में एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्वर्ण पदक जीता था. इससे पहले भारतीय निशानेबाज 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम क्वालीफिकेशन चरण में बाहर हो गए. भारत की दो जोड़ियां इस स्पर्धा में भाग ले रही थी. रमिता जिंदल और अर्जुन बाबूता 628.7 के कुल स्कोर के साथ छठे, जबकि इलावेनिल वलारिवन और संदीप सिंह 626.3 के कुल स्कोर के साथ 12वें स्थान पर रहे.
रमिता और अर्जुन की जोड़ी ने एक समय उम्मीद बनाई थी. यह भारतीय जोड़ी तीन शॉट शेष रहते पांचवें स्थान पर थी, लेकिन आखिर में पदक राउंड के कट ऑफ से 1.0 अंक पीछे रह गई. अर्जुन ने दूसरी सीरीज में शानदार शुरुआत की और 10.5, 10.6, 10.5, 10.9 का स्कोर बनाया. रमिता ने दूसरी सीरीज में 10.2, 10.7, 10.3, 10.1 का स्कोर बनाया.
इससे यह जोड़ी शीर्षक आठ में तो पहुंच गई लेकिन पदक राउंड में जगह बनाने के लिए यह स्कोर पर्याप्त नहीं था. पदक राउंड में पहुंचने के लिए शीर्ष चार में जगह बनाना जरूरी था. चीन, कोरिया और कजाकिस्तान की टीम क्वालीफिकेशन दौर में पहले तीन स्थानों पर रही.
खेल पर्यवेक्षक:- संजीव दत्ता
समन्वयक :- सपना दत्ता
दूरभाष :- 9971999864
प्रायोजन के लिए /For sponsorship : khelkhiladi55@gmail.com
Sanjeev sir aap bahut hi achhe contents laate hai
ReplyDeleteGood initiative
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