-->

Popular Posts

भारतीय संविधान का छंदबद्ध रूप में हुआ लोकार्पण

भारतीय संविधान का छंदबद्ध रूप में हुआ लोकार्पण

 



नई दिल्ली, 15 जून 2024 को जन जागरण विकास समिति द्वारा "छंदबद्ध भारत का संविधान" पुस्तक का दिल्ली के हिन्दी भवन में लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ० श्याम सिंह "शशि" विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० रमा सिंह, साहित्यकार शकुंतला कालरा, पूर्व न्यायाधीश डॉ० संतोष खन्ना, सुरेश सिंह प्रियदर्शी, कवि एवं पत्रकार डॉ० चेतन आनंद एवं भारत प्रमुख गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डस के आलोक कुमार उपस्थित रहे। वहीं प्रमुख संपादक डॉ० ओमकार साहू मृदुल ने पुस्तक की महत्ता बताते हुए कहा कि धर्म के साथ-साथ जनमानस में भारतीय संविधान के प्रति आस्था एवं विश्वास दृढ़ होगा।






इसी कार्यक्रम में 'सपना दत्ता सुहासिनी' द्वारा रचित 'बच्चों का कोना' पुस्तक का भी विमोचन हुआ। 'बच्चों का कोना' पुस्तक के संदर्भ में वरिष्ठ बाल साहित्यकार श्रीमती शकुंतला कालरा ने कहा - मैंने अपने सम्पूर्ण जीवन में हजारों पुस्तकों की समीक्षा की है। परंतु 'सपना दत्ता सुहासिनी' द्वारा रचित 'बच्चों का कोना' पुस्तक बाल मन को जीकर लिखी गई है। विविध भाव भूमियों पर लिखी ये कविताएं जहां मनोरंजक हैं, वहीं ज्ञानप्रद एवम संदेशप्रद भी हैं। शिशु कविताओं की श्रेणी में स्वर एवम व्यंजन आधारित लघु कविताएं अनायास ही मन को मोह लेती हैं। बच्चों को पर्यायवाची, लोकोक्तियाँ, मुहावरे कैसे कंठस्थ रहें, उन्हें सरल शब्दों में लय तरन्नुम के साथ गूंथा है ताकि वे आजीवन उनके स्मृति में बस जाएं।






कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ श्याम सिंह शशि (पद्मश्री), जी ने  प्रमुख संपादक डॉ० ओमकार साहू "मृदुल", सह संपादक डॉ० मधु शंखधर "स्वतंत्र", सह संपादक डॉ० सपना दत्ता "सुहासिनी" एवं उनके सभी छंदबद्ध भारत का संविधान पुस्तक में लिखने वाले सभी कलमकारों आशा मेहर 'किरण', बबीता माँधणा 'मानवी', डा० इन्दु अग्रवाल, सुधा देवांगन "शुचि", कीर्ति मेहता "कोमल", ऋषि कबीर "मनहर", मंजुला शर्मा, राम मणि यादव, कल्पना भदौरिया, विनोद कुमार चौहान "जोगी", ज्ञानवती सक्सैना "ज्ञान ", रमेश सारथी "गौर", शिव प्रकाश "साहित्य", मीना विवेक जैन, अमर पाल "पाल", श्रीकृष्ण शुक्ल आदि का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि जहां समाज में व्यक्ति को भारत का संविधान पढ़ने का सही अवसर प्राप्त नहीं हुआ, वहीं इस पुस्तक के छंद बद्ध संविधान को पढ़कर आसानी से वह संविधान के सभी अनुच्छेदों को समझ सकता है। इसके साथ ही साथ उन्होंने मंच का संचालन कर रहीं   डॉ० सपना दत्ता सुहासिनी, एवं डॉ० मधु शंखधर स्वतंत्र  का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम में उपस्थिति कवि, कवियित्रियों एवं सभी गणमान्यों को इस अद्वितीय रचना के लिए आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया।




Related Posts

0 Response to "भारतीय संविधान का छंदबद्ध रूप में हुआ लोकार्पण"

Post a Comment

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article